संतोष, बंजी जम्पिंग और लेक्चर

संतोष की कहानी, जिसे प्रोफ़ेसर मीना ने बताया कि वह कई लोगों को जरूरी बातें सिखा सकता है। संतोष पहली बार किसी कॉलेज में लेक्चर देने जा रहा था। जब संतोष को पता चला कि उसकी इस क्लास में उससे दोगुनी उम्र के लोग भी होंगे, तो ऐसा लगा जैसे संतोष के पैरों तले की जमीन खिसक गई। वह बोला, मैं उन लोगों के सवालों का जवाब कैसे दूंगा? मैं तो इतना अनुभवी भी नहीं। प्रोफ़ेसर मीना कालेज में डीन थीं। वह संतोष से बोली, क्या तुमने कभी बंजी जंपिंग की है। वही, जिसमें एक ऊंची इमारत से लोग छलांग लगा देते हैं। संतोष बोला, छलांग तो नहीं लगाई है, लेकिन इसके बारे में सुना जरूर है। प्रोफेसर मीना बोली, बंजी जंपिंग की खासियत यह होती है कि उसमें लोगों के पैर एक पतली-सी रस्सी से बांध दिए जाते हैं। जब वह किसी ऊंची इमारत से छलांग लगाते हैं, तो ऐसा लगता है, जैसे सचमुच, बिना किसी सहायता के छलांग लगा रहे हों। जैसे-जैसे नीचे गिरते हैं, लगता है प्राण निकल रहे हैं। लेकिन फिर नीचे पहुंचने से कुछ पल पहले ही वह पतली-सी रस्सी हमें ऊपर खींच लेती है।