समुच्चय क्या है? (What is a Set?) हम अपने दैनिक जीवन में प्रायः वस्तुओं के समुह या संग्रह की चर्चा करते हैं, जैसे चाय सेट, ताश के पत्तो की गड्डी, फुटबॉल टीम, भेड़ो का झुण्ड आदि। हमनें समूहो को यहाँ विभिन्न शब्दों- सेट, झुण्ड, टीम, संग्रह, समूह आदि का प्रयोग किया हैं लेकिन गणित में सुविधा के लिए इन शब्दों के स्थान पर समुच्चय शब्द का प्रयोग करते हैं। परिभाषा (Definition) वस्तुओं का सुपरिभाषित समूह या संग्रह को समुच्चय कहते हैं। (A well-defined collection of objects is called a Set.) यहाँ 'वस्तुओं के सुपरिभाषित संग्रह' से यह अर्थ हैं कि संग्रह के अवयव सुनिश्चित (definite) एवं सुस्पष्ट (distinct) हो। उदाहरण के तौर पर क्रिकेट टीम के अच्छे बल्लेबाजो का समूह एक समुच्चय नहीं है क्योंकि यह स्पष्ट रूप नहीं कहा जा सकता हैं कि कौन सा बल्लेबाज अच्छा है या नहीं। अंग्रेजी वर्णमाला के स्वरो (vowels) का समूह एक समुच्चय हैं क्योंकि यह सुनिश्चित तौर पर बताया जा सकता है कि इस समुच्चय के अवयव a, e, i, o, u ही होगा न की कोई व्यंजन (consonant) b, c, d, ... ...
एक दर्जी कपड़े काटते समय बहुत होशियारी से कपड़ा चुरा लिया करता था। एक बार उसने सपना देखा कि शहर में उसे वस्त्रहीन स्थिति में घुमाया जा रहा है। उसके सिर पर कपड़ो की खूब सारी चिन्दियों की झंडी बधी हुई है। उसने साथ चल रहे यमदूत से पूछा कि ये सब क्या है? यमदूत ने कहा कि तुम ने आज तक जितनी बार लोगों का कपड़ा चोरी किया है, ये उनकी झंडी है। इसलिए सजा के तौर पर इन्हें तुम्हारे सिर पर बाँधा जा रहा है। दर्जी की नींद खुली और अचानक उठकर बैठ गया। फिर वह उस सपने के बारे में सोचने लगा, जो उसने देखा था। वह बहुत शर्मिंदा हुआ और उसने प्रण किया कि वह अब से कपड़े की चोरी नहीं करेगा। सुबह जब दुकान पहुंचा, तो उसने अपने चेले को ताकीद कर दी की कटिंग करते समय जब भी मैं कैंची तिरछी करूं, तो तुम बोलना 'झंडी'। इसके बाद जब भी वह कैंची तिरछी करता, चेला जोर-जोर से चिल्लाने लगता, 'उस्ताद झंडी! उस्ताद झंडी!' और दर्जी की कैंची सीधी हो जाती। एक बार एक ग्राहक मखमल का कपड़ा लाया, तो उससे रहा नहीं गया और कैंची तिरछी हो गई। यह देख चेला चिल्लाने लगा, 'उस्ताद झंडी! उस्ताद झंडी!' इस पर दर्जी...
प्रायिकता: गणित की एक रोचक शाखा प्रायिकता: एक सरल परंतु गहन गणितीय अवधारणा प्रायिकता (Probability) गणित की वह शाखा है जो किसी घटना के घटित होने की संभावना को मापती है। यह अवधारणा न केवल गणित में बल्कि हमारे दैनिक जीवन, विज्ञान, वित्त और तकनीक के विविध क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रायिकता 0 से 1 के बीच होती है: 0: घटना असंभव है। 1: घटना निश्चित रूप से घटित होगी। इसके बीच के मान घटना की संभावना को दर्शाते हैं। प्रायिकता के मूलभूत सिद्धांत प्रायिकता को समझने के लिए कुछ महत्वपूर्ण अवधारणाएँ: 1. प्रयोग (Experiment): किसी भी ऐसी प्रक्रिया या क्रिया को, जिसका परिणाम अनिश्चित हो, प्रयोग कहा जाता है। 2. परिणाम (Outcome): प्रयोग के किसी संभावित परिणाम को परिणाम कहते हैं। 3. प्रतिदर्श समष्टि (Sample Space): सभी संभावित परिणामों का समुच्चय प्रतिदर्श समष्टि कहलाता है। 4. घटना (Event): प्रतिदर्श समष्टि का कोई उपसमुच्चय एक घटना कहलाता है। ...
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