समुच्चय क्या है? (What is a Set?) हम अपने दैनिक जीवन में प्रायः वस्तुओं के समुह या संग्रह की चर्चा करते हैं, जैसे चाय सेट, ताश के पत्तो की गड्डी, फुटबॉल टीम, भेड़ो का झुण्ड आदि। हमनें समूहो को यहाँ विभिन्न शब्दों- सेट, झुण्ड, टीम, संग्रह, समूह आदि का प्रयोग किया हैं लेकिन गणित में सुविधा के लिए इन शब्दों के स्थान पर समुच्चय शब्द का प्रयोग करते हैं। परिभाषा (Definition) वस्तुओं का सुपरिभाषित समूह या संग्रह को समुच्चय कहते हैं। (A well-defined collection of objects is called a Set.) यहाँ 'वस्तुओं के सुपरिभाषित संग्रह' से यह अर्थ हैं कि संग्रह के अवयव सुनिश्चित (definite) एवं सुस्पष्ट (distinct) हो। उदाहरण के तौर पर क्रिकेट टीम के अच्छे बल्लेबाजो का समूह एक समुच्चय नहीं है क्योंकि यह स्पष्ट रूप नहीं कहा जा सकता हैं कि कौन सा बल्लेबाज अच्छा है या नहीं। अंग्रेजी वर्णमाला के स्वरो (vowels) का समूह एक समुच्चय हैं क्योंकि यह सुनिश्चित तौर पर बताया जा सकता है कि इस समुच्चय के अवयव a, e, i, o, u ही होगा न की कोई व्यंजन (consonant) b, c, d, ... ...
एक मेमने की कहानी जिसने बुद्धि का उपयोग कर भेड़िए से अपनी जान बचाई। एक बार एक मेमना अपने मां-बाप के साथ अपने घर के नजदीक एक बाग में घास चर रहा था। वह बहुत खूबसूरत दिखता था। उसके बाल बर्फ जैसे सफेद थे और दूर से देखने पर ऐसा लगता था, जैसे रोशनी का बड़ा-सा गोला खड़ा हो। उसने देखा, थोड़ी दूर एक जगह पर खूब हरी घास उगी हुई थी। घास के लालच में मेमना अपने परिवार के लोगों से दूर चला गया। धीरे धीरे मेमना घास चरते-चरते दूर चला गया। इतने में शाम होने लगी और परिवार वाले सब घर लौट गए। लेकिन मेमना तो घास खाने में पूरी तरह से मस्त था। एक भेड़िया बड़ी देरी से मेमने पर नजर रखे हुए था। मौका मिलते ही भेड़िए ने मेमने पर हमला कर दिया। मेमना डर गया। भेड़िया बोला, मैं तुम्हें खा जाऊंगा। मेमना ने कहा, मेरे पेट में ढेर सारी घास भरी हुई है। अगर आप मुझे अभी खाएंगे, तो हो सकता है कि आप का स्वाद खराब हो जाए।
एक दर्जी कपड़े काटते समय बहुत होशियारी से कपड़ा चुरा लिया करता था। एक बार उसने सपना देखा कि शहर में उसे वस्त्रहीन स्थिति में घुमाया जा रहा है। उसके सिर पर कपड़ो की खूब सारी चिन्दियों की झंडी बधी हुई है। उसने साथ चल रहे यमदूत से पूछा कि ये सब क्या है? यमदूत ने कहा कि तुम ने आज तक जितनी बार लोगों का कपड़ा चोरी किया है, ये उनकी झंडी है। इसलिए सजा के तौर पर इन्हें तुम्हारे सिर पर बाँधा जा रहा है। दर्जी की नींद खुली और अचानक उठकर बैठ गया। फिर वह उस सपने के बारे में सोचने लगा, जो उसने देखा था। वह बहुत शर्मिंदा हुआ और उसने प्रण किया कि वह अब से कपड़े की चोरी नहीं करेगा। सुबह जब दुकान पहुंचा, तो उसने अपने चेले को ताकीद कर दी की कटिंग करते समय जब भी मैं कैंची तिरछी करूं, तो तुम बोलना 'झंडी'। इसके बाद जब भी वह कैंची तिरछी करता, चेला जोर-जोर से चिल्लाने लगता, 'उस्ताद झंडी! उस्ताद झंडी!' और दर्जी की कैंची सीधी हो जाती। एक बार एक ग्राहक मखमल का कपड़ा लाया, तो उससे रहा नहीं गया और कैंची तिरछी हो गई। यह देख चेला चिल्लाने लगा, 'उस्ताद झंडी! उस्ताद झंडी!' इस पर दर्जी...
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