Probability
प्रायिकता: एक सरल परंतु गहन गणितीय अवधारणा
प्रायिकता (Probability) गणित की वह शाखा है जो किसी घटना के घटित होने की संभावना को मापती है। यह अवधारणा न केवल गणित में बल्कि हमारे दैनिक जीवन, विज्ञान, वित्त और तकनीक के विविध क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रायिकता 0 से 1 के बीच होती है:
- 0: घटना असंभव है।
- 1: घटना निश्चित रूप से घटित होगी।
- इसके बीच के मान घटना की संभावना को दर्शाते हैं।
प्रायिकता के मूलभूत सिद्धांत
प्रायिकता को समझने के लिए कुछ महत्वपूर्ण अवधारणाएँ:
1. प्रयोग (Experiment): किसी भी ऐसी प्रक्रिया या क्रिया को, जिसका परिणाम अनिश्चित हो, प्रयोग कहा जाता है।
2. परिणाम (Outcome): प्रयोग के किसी संभावित परिणाम को परिणाम कहते हैं।
3. प्रतिदर्श समष्टि (Sample Space): सभी संभावित परिणामों का समुच्चय प्रतिदर्श समष्टि कहलाता है।
4. घटना (Event): प्रतिदर्श समष्टि का कोई उपसमुच्चय एक घटना कहलाता है।
प्रायिकता की गणना
किसी घटना E
की प्रायिकता निम्नलिखित सूत्र द्वारा दी जाती है:
P(E) = अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल संभावित परिणामों की संख्या
उदाहरण:
एक पासा फेंकने पर सम संख्या आने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
- प्रतिदर्श समष्टि: {1, 2, 3, 4, 5, 6}
- अनुकूल परिणाम: {2, 4, 6}
- प्रायिकता:
P(E) = 3/6 = 1/2
प्रायिकता के प्रकार
- सैद्धांतिक प्रायिकता: गणितीय तर्क पर आधारित।
- प्रायोगिक प्रायिकता: प्रयोगों पर आधारित।
- व्यक्तिपरक प्रायिकता: अनुभव या विश्वास पर आधारित।
प्रायिकता के नियम
1. योग का नियम (Addition Rule):
P(A ∪ B) = P(A) + P(B)
2. गुणन का नियम (Multiplication Rule):
P(A ∩ B) = P(A) × P(B)
प्रायिकता के अनुप्रयोग
- दैनिक जीवन: मौसम, खेल, बीमा।
- विज्ञान: भौतिकी, जीव विज्ञान।
- तकनीक: मशीन लर्निंग, AI।
- वित्त: जोखिम मूल्यांकन, शेयर बाजार।
सशर्त प्रायिकता (Conditional Probability)
यदि घटना B
के घटित होने पर घटना A
की प्रायिकता ज्ञात करनी हो:
P(A|B) = P(A ∩ B) / P(B)
बेज़ थ्योरम (Bayes' Theorem)
बेज़ थ्योरम सशर्त प्रायिकता का एक महत्वपूर्ण अनुप्रयोग है:
P(A|B) = (P(B|A) × P(A)) / P(B)
निष्कर्ष
प्रायिकता एक शक्तिशाली गणितीय उपकरण है जो हमें अनिश्चितता के साथ समझदारी से निर्णय लेने में मदद करता है।
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